Ishq Khuda Hai - Khushali Kumar & Tulsi Kumar Lyrics
Singer | Khushali Kumar & Tulsi Kumar |
Music | Sanjay Rajee |
Song Writer | Baba Bulleh Shah |
ISHQ KHUDA HAI FULL LYRICS IN HINDI
दो कदम चलने की चाह थी उस रास्ते पर
जिस पर चलने को हाथ थमा था तुमने
लगता था बस यही पोहंचायेगी मंज़िलेसफर तक,
खोज पूरी हो गयी शायद ऐसा एहसास हो गया था
अंदर के दर्द अभी कुछ देर पहले तक दुखते थे
गिरने वाले तो ना थे हम कभी
गिराने वाले का हुनर तो देखिये
हमे आह भी करी तोह हमें ही सुनाई ना दी
पिघलते गए उसको साँसों में हर पल,
सामने वो था तोह हर सब्र खो बैठे
सिर्फ चाहा कि वो चाहे मुझे इतना
जितना मैंने उसको चाहा,
हौले से कब हुवा ये कि किसी और का होकर
सिर्फ मेरी ओर देखकर कहा कि कमी है तेरी,
हलकी सी मज़ाक बनकर रह गयी खुद्दारी मेरी,
अब ना होगा मुझसे ये खेल दोबारा, ये खेल दोबारा।
ज़हर वेख के पीता ते की कीता,
इश्क़ सोचके कीता ते की कीता,
दिल देके दिल लैन दी आस रखी वे बल्लेया,
वे बल्लेया, प्यार वी लालच नाल कीता ते की कीता।
पर तुम में शायद कुछ ख़ास है
तुम्हारी आँखों में बच्चों की सी आस है,
तुम्हारे आँखों के शीशे में मेरा चेहरा दिखा है मुझे
मेरे चेहरे की रंगत क्या खूब दिखती है इनमें
सोचते हैं अब इन्ही में रहेंगे।
ज़हर वेख के पीता ते की कीता,
इश्क़ सोचके कीता ते की कीता,
दिल देके दिल लैन दी आस रखी वे बल्लेया,
वे बल्लेया, प्यार वी लालच नाल कीता ते की कीता।
चल ज़िन्दगी मैं इश्क़ के जुवे के लिए फिर तैयार हूँ
साडी बाज़ियां तू खेल फिर मुझको मिटटी में रेल
सब करके देखा इश्क़ में ही छुपी इबादत है
वक़्त अगर ज़िन्दगी तोह इश्क़ खुदा है,
हर पल में इश्क़ मिट्टी में इश्क़, हवाओं में और क्या है बाकी,
इश्क़ खुदा है, इश्क़ खुदा है।
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